अब्दुल रहीम ख़ान-ए-ख़ानाँ | Abdur Rahim Khan-e-Khanan
Description
अब्दुल रहीम ख़ान-ए-ख़ानाँ या सिर्फ रहीम, एक मध्यकालीन कवि, सेनापति, प्रशासक, कलाप्रेमी, एवं विद्वान थे। यह वही रहीम हैं जिनके हिंदी के दोहे आपने कभी न कभी पढ़े ही होगे. इनके काव्य में शृंगार, शांत तथा हास्य रस मिलते हैं। दोहा, सोरठा, बरवै, कवित्त और सवैया उनके प्रिय छंद हैं। रहीम दास जी की भाषा अत्यंत सरल है, उनके काव्य में भक्ति, नीति, प्रेम और श्रृंगार का सुन्दर समावेश मिलता है।
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