ज़िद पर अड़े बच्चे को मनाना | Convincing a Stubborn Child | अकबर बीरबल कहानियों | Akbar Birbal Storie
बीरबल के दरबार में देर से आने से बादशाह नाराज़ होते है, तब बीरबल बताते है की उनका बच्चा रो रहा था और उसी को चुप कराने में उन्हें देरी हो गयी। ये सुन दरबार में बैठे सभी लोग हॅसने लगते है और बीरबल का मजाक उड़ाने लगते है। बादशाह अकबर बीरबल से कहते है की बच्चों की ज़िद पूरी करना कोई बड़ी बात तो नहीं और वह बीरबल को अपने बेटे को दरबार में लाने के लिए कहते है। पर उस बच्चे का रोना और ज़िद देख ख़ुद बादशाह अकबर भी हार मान जाते है। Once Birbal was late to the court of Emperor Akbar. When he was asked for the reason, Birbal explained how he was stuck with his crying kids which caused him the delay in getting to the court. Hearing this, everyone sitting in the court starts laughing and starts making fun of Birbal. Emperor Akbar tells Birbal that to fulfill a child’s wish is not a big deal and he asks Birbal to bring his son to the court. But seeing the cry and stubbornness of that child, even Emperor Akbar gives up.