सुनहरी गेहूँ की बाली | The Golden Wheat Strand | अकबर बीरबल कहानियों | Akbar Birbal Stories
एक बार एक सेवक से गलती से बादशाह अकबर का पसंदीदा फूलदान टूट जाता है। बादशाह अकबर के पूछने पर वह झूठ बोल देता है, पर जब उन्हें सच का पता चलता है तो वह उस सेवक से बहुत नाराज़ होते है और उसे महल से निकलवा देते है। बीरबल बादशाह अकबर को समझाने की कोशिश करते है की हर इंसान कभी न कभी झूठ बोलता ही है। कभी-कभी इसलिए झूठ बोलता है कि हमारे सच से किसी को तकलीफ न हो। अपने आप को शर्म से बचाने के लिए भी इंसान झूठ बोलता है। पर बादशाह अकबर बीरबल की बात नहीं सुनते तब बीरबल अपनी बात समझाने के लिए सुनहरे गेहूं की बाली का सहारा लेते है। Once a servant accidentally breaks Emperor Akbar's favourite vase. When King Akbar asks, he lies, but when he comes to know the truth, he is very angry with the servant and gets him removed from the palace. Birbal, on the other hand, tried to explain the general human tendency of lying which is always not just to cover up flaws or bad deeds but sometimes human beings lie not to break the other person’s heart. Unable to understand Birbal’s philosophy, he was even asked to leave the court by Akbar. That was when Birbal decided to teach Akbar the depth of his argument with the help of golden wheat strand.